
नई दिल्ली। लाहौर की कोटलखपथ जेल में हुए हमले के बाद डीप कोमा गए सरबजीत सिंह की बुधवार-गुरुवार की रात 1:30 पर मौत हो गई। सरबजीत पर हुए हमले में उन्हें बहुत गंभीर चोटें आई थी। बुधवार रात ही सरबजीत का परिवार उनसे मिलकर वापस भारत आया था। एक छोटी सी गलती के चलते सरबजीत सिंह पाकिस्तान पहुंचा।
इसके बाद वो दोबारा वतन नहीं लौट सका और उसकी जिंदगी भारत और पाकिस्तान के राजनीतिक रिश्तों की भेंट चढ़ गई। वह भारत के लिए सरबजीत सिंह ढिल्लों बना रहा लेकिन पाकिस्तान के लिए कभी वह मंजीत रहा तो कभी खुशी मुहम्मद तो कभी सरबजीत।
पाकिस्तानी सेना ने उसे 30 अगस्त, 1990 को गिरफ्तार किया था। 1990 में पाकिस्तान के लाहौर और फैसलाबाद में सीरियल बम ब्लास्ट हुआ था जिसमें करीब 14 लोग मारे गए थे। सरबजीत सिंह को इसी आरोप में संदेह के आधार पर कैदी बनाया गया है जबकि पाक सरकार के पास अब तक इस बात के पुख्ता सबूत मौजूद नहीं है कि सरबजीत का उस मामले में हाथ था। सरबजीत को गलत पहचान के चलते गिरफ्तार किया गया था।