
एक तरफ सरकार शिक्षा और रोजगार के लिए युवाओं से लोन की गारंटी लेने और 5 सालों तक 5 प्रतिशत ब्याज भरने का वादा कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ इसकी हकीकत कुछ और ही है। गुरूवार को एमएलबी कॉलेज में लगे शिक्षा ऋण मेले में सामने आया लोन के लिए महीनों दर दर भटकने का सच जहां बैंक के स्टाल लगाए तो युवाओं को लोन की जानकारी देने के लिए थे लेकिन वहां आए युवाओं को खाली हाथ ही लौटना पड़ा । मेले में लगे स्टाल में बैंक वालों की माने तो लोन लेना बहुत आसान है..दो दिन के भीतर ही लोन मिल जाता है और 12 से 13 परसेंट के इंट्रेस्ट के साथ लोन लेने के एक साल बाद से ईएमआई चुकानी पड़ती है । वहीं लोन की जानकारी लेने आए युवाओं का कहना तो कुछ और ही ।अपनी पढ़ाई के लिए लोन की जानकारी लेने पहुंची अम्ब्रीन ये कहकर लौट गई कि सब कहने और दिखाने की बाते हैं..सच कुछ भी नही होता । उन्होंने बताया कि बैंक वाले ऐसे दस्तावेज़ मांगते हैं जो एक स्टूडेंट के पास मिलना मुश्किल है और ये कहकर लौटा देते हैं कि बैंक में आकर मिलिए..यहां जानकारी नही दे पाएंगें..वहीं एमबीए करने की ख्वाहिश लेकर आए शरद यादव भी जानकारी ना मिलने से निराश होकर चले गए। अब इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब शिक्षा ऋण मेले में ही युवाओं को इस तरह भटकना पड़ रहा है तो बैंक में जाकर लोन लेने में कितनी मशक्कत करनी पड़ती होगी।