नई दिल्ली: प्रत्येक व्यक्ति का अपना आभा मंडल होता है। जो यूनिक, कलरफुल और विशेष होता है। हो सकता है आप इन रंगों को खुद नहीं देखते होंगे। यह रंग आपके आत्मा से हमेशा निर्गत होता रहता है। प्रत्येक जीव हमारे आस-पास एक निश्चित ऊर्जा निर्गत करता रहा है।
हमारे आभामंडल का कलर समय के साथ बदलता रहा है। जो हमारे व्यक्तित्व विकास और अंतरिक भावनाओं को निर्देशित करता है। आपके आभा मंडल का जो कलर वाइब्रेट करता है। वह आपके विचारों, भावनाओं और इच्छाओं सभी पर अचेतन लेवल पर गहरा प्रभाव डालता है।
कई प्राचीन धर्मों, मनीषियों और अध्यात्मवादी व्यक्ति के आभा मंडल का वर्णन कर चुके हैं। बौद्ध और हिंदू मान्यताओं के अनुसार सात कलर चक्र और कुंडलिनी ऊर्जा हैं। जिसके अभ्यास और भक्ति से आध्यत्मिक प्रभामंडल को बदल सकते हैं। अकाशीय और प्रकाश का यह प्रभामंडल सभी संस्कृति पर पड़ता है। यह दूसरे पश्चिमी धर्मों पर भी देखा जाता है।