
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार तीन समचार चैनलों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में है। ये वे चैनल हैं जिन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) विवाद से जुड़े वीडियो को कथित रूप से छेड़छाड़ करके प्रसारित किया था। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। सरकारी सूत्रों के अनुसार, आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार तीन समाचार चैनलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है।
इन चैनलों ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में नौ फरवरी के कार्यक्रम का कथित रूप से गलत ढंग से बनाए गए वीडियो का प्रसारण किया था। उस कार्यक्रम में कथित रूप से भारत विरोधी नारे लगाए गए थे। दिल्ली सरकार को जिलाधिकारी ने दो मार्च को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार और नौ फरवरी को परिसर में कार्यक्रम के दौरान लगाए गए भारत विरोधी नारों में कोई सीधा संबंध नहीं पाया गया है।
इससे पहले सोमवार को दिन में माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी और जनता दल युनाइटेड के नेता के.सी. त्यागी ने इस मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। जिलाधिकारी की रिपोर्ट में कहा गया है कि जेएनयू की घटना से जुड़े सात वीडियो हैदराबाद स्थित फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजे गए थे। इनमें पाया गया है कि तीन वीडियो से छेड़छाड़ की गई है। उनके वीडियो संपादित किए गए हैं और आवाजें अलग से जोड़ी गई हैं।
राज्य सरकार ने गत 13 फरवरी को मामले की जांच का आदेश दिया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत विरोधी नारेबाजी करने के आरोपी जेएनयू के दूसरे छात्र उमर खालिद की भूमिका की और जांच करने की जरूरत है। संसद हमले के दोषी
अफजल गुरु की फांसी की तीसरी बरसी पर उसकी याद में जेएनयू परिसर में नौ फरवरी को कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
उस कार्यक्रम के दौरान कथित रूप से भारत विरोधी नारेबाजी की गई थी। जिसके बाद जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को 12 फरवरी को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। कन्हैया को गत बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने छह माह की अंतरिम जमानत दी है।