
नई दिल्ली: भारत ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान ने पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकवादी हमले की जांच के लिए एनआईए टीम के वहां जाने की अनुमति देने से इनकार नहीं किया है तथा उसने और समय की मांग की है। इसके साथ ही भारत ने साफ किया कि आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते।
'पाकिस्तान के संबंध में तीन बिंदु वाला फॉर्मूला'
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के संबंधों में 'गर्मजोशी और सहजता' से दोनों पड़ोसियों के बीच के जटिल मुद्दों के हल में मदद मिल सकती है। सुषमा ने जोर देकर कहा कि भारत, पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दों को वार्ता के जरिए हल करना चाहता है। उन्होंने कहा कि सरकार इस्लामाबाद के संबंध में तीन बिंदु वाले फॉर्मूले पर काम कर रही है, जिसमें जोर इस बात पर है कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद पर काबू के लिए कार्रवाई नहीं करता तो बातचीत नहीं हो सकती।
विदेश मंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'सर्वप्रथम, हम हर मुद्दा बातचीत के जरिये सुलझाना चाहते हैं। दूसरा, बातचीत भारत और पाकिस्तान के बीच होगी और इसमें कोई तीसरा देश या पक्ष नहीं होगा। तीसरा, आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते।' सुषमा ने कहा कि दोनों देशों के बीच जटिल मुद्दे हैं और उनके जल्दी समाधान होने की उम्मीद करना व्यवहारिक नहीं होगा। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच विदेश सचिव स्तरीय वार्ता रद्द नहीं हुई है। न तो हमारी ओर से और न ही उनकी ओर से इसे रद्द किया गया है।