
भोपाल । मध्यप्रदेश में वैश्विक निवेशक सम्मेलन के दौरान हुए निवेश करारों में अमलीजामा पहनाने की दिशा में सरकार तेजी से काम करने की बात कई बार दोहरा चुकी है। लेकिन खनन क्षेत्र से जुड़े प्रस्तावों पर अमल में सरकारी प्रक्रिया के चलते देरी हो रही है। पिछले साल अक्टूबर में इन्दौर में आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन में खनन क्षेत्र के करीब 50 से 54 करार राज्य सरकार ने निजी निवेशकों के साथ किए थे। इनमें अकेले सतना जिले में सीमेंट इकाई के लिए २३ समझौते किए गए थे। इस क्षेत्र की एक खदान के लिए करीब ११ निवेशकों ने आवेदन दिए हैं, लेकिन सरकार अभी तक किसी को भी इसका आवंटन नहीं कर पाई है। वहीं खनन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस संबंध में कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। जैसे ही विभाग आवंटन की वैधानिकता की जांच कर लेगा खनन के प्रस्तावों पर आगे बढ़ा जा सकेगा। सतना जिले के रघुराज नगर खदान के लिए करीब ४०० निवेशकों ने आवेदन किया है। निवेशक सम्मेलन को हुए लगभग तीन माह का वक्त बीत चुका है और सरकार इस संबंध में कोई निर्णय नहीं कर पाई है। इसी प्रकार लौह अयस्क शोधन और फरो मैग्नीज परियोजना के लिए भी निवेश संबंधी करार किए गए हैं लेकिन एक भी जगह के लिए एक से अधिक आवेदन होने के कारण खनिज विभाग अनिर्णय की स्थिति में है। इस संबंध में बात करने पर भौमिकी एवं खनिकर्म विभाग के संचालक वीके आंस्टीन ने बताया कि विभाग खदानों के आवंटन के लिए कार्यवाही कर रहा है। आवंटन के पहले हम अपने स्तर पर वैधानिकता की जांच करना चाहते हैं ताकि भविष्य में आवंटन की वैधानिकता को चुनौती देने की संभावना कम रहे। निवेशकों का कहना है कि सरकार को इस दिशा में तेजी से आगे बढऩा चाहिए।