
komal sharma
भोपाल-किसी दफ्तर में आवेदन पत्र भेजना, फिर इंटरव्यू का कॉल और साक्षातकार के बाद चयन... किसी नौकरी या इंस्टीट्यूट में चयन की ये प्रक्रिया नई नहीं है.... लेकिन चुनाव में टिकिट भी कुछ इसी तरह से बांटे जा रहे हैं... जी हाँ मध्यप्रदेश में अपने पैर पसारने की पूरी तैयारी में लगी बहुजन समाज पार्टी कुछ इसी तरह से टिकिट बाँट रही हैं... और तो और आवेदन करने के लिये बकायदा 2 से 5 हजार फीस भी ली जा रही है... तो आइये जानते है कैसे बंटते रहे आवेदन और इंटरब्यू से टिकिट...चुनाव मौसम के गर्माते ही राजनैतिक दलों के नये नये शगूफे सामने आते ही रहते है... कुछ ऐसा ही नया शगूफा छोडा है... बहुजन समाज पार्टी ने... बीएसपी इस बार प्रदेश की सभी 230 सीटों पर चुनाव लड रही है... और इन सीटों पर उम्मीदवार कौन होंगे इसके लिये अनोखा तरीका अपनाया जा रहा है... चुनाव लडने के इच्छुक पार्टी जनों को बकायदा एप्लीकेशन देनी होगी... आवेदन फार्म की कीमत अनुसूचित जाति और दलितों के लिये 2 हजार रुपये हैं... जबकि सामान्य लोगों को आवेदन करने के ही 5 हजार रुपये देने होंगे... फिर टिकिट के अभिलाषी को इंटरव्यू के लिये बुलाया जायेगा... और इंटरव्यू पैनल को संतुष्ट करने वाला प्रत्याशी ही चुनावी समर में उतर सकेगा..
अब दलित और पिछडों की राजनीति का दम भऱने वाली पार्टी में कॉर्पोरेट कल्चर की तरह इंटरव्यू पर टिकट के उम्मीदवार भी हैरान जरुर है... हालाँकि कैमरे के सामने इसकी आलोचना करने किसी के लिये मुमकिन नहीं है... वहीं कुछ लोगो इसे एक बेहतर प्रयोग बताया है...इनका कहना है कि इंटरव्यू से पता चल सकेगा की टिकिट मांगने वाला कितने पानी में है और उसे टिकिट दिया जाना चाहिए या नहीं... यानि इंटरव्यू से सही उम्मीदवार सामने आ सकेंगे..
सवाल ये है कि जब टिकिट की दावेदारी के लिये ही 2 से 5 हजार रुपये का आवेदन भरना जरुरी है... तो चुनाव लडने का खर्च कितना होगा... दलितों और पिछडों की राजनीति का दम भऱने वाली में क्या प्रक्रिया सही है...