
भोपाल शहर में आज लड़कियां हर कदम पर असुरक्षित हैं और ये असुरक्षा केवल सुनसान जगह और रात में नही होती है बल्कि चौकाने वाली बात ये है कि अब लड़कियां सार्वजनिक स्थल पर भी खुद को सुरक्षित महसूस नही करती ।ये खुलासा हुआ है लड़कियों की असुरक्षा पर हुई संगिनी संस्थान के अध्यन रिपोर्ट में । इस रिपोर्ट के बाद सरकारी संस्थान...और एनजीओ मिलकर सुझाव तैयार कर रहे हैं जो अनुसंशा के रूप में सरकारी एजेंसियों को भेजे जाएंगें ।संगिनी संस्थान ने महिलाओं के साथ हो रहे अपराध और उनकी असुरक्षा पर एक अध्यन किया जिसकी रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि भोपाल शहर में आज लड़कियां हर कदम पर असुरक्षित हैं और ये असुरक्षा केवल सुनसान जगह में नही होती है बल्कि चौकाने वाली बात ये है कि अब लड़कियां सार्वजनिक स्थल पर भी खुद को सुरक्षित महसूस नही करती ।इसी रिपोर्ट के आधार पर अब सरकारी संस्थान...और एनजीओ मिलकर सुझाव तैयार कर रहे हैं जो अनुसंशा के रूप में सरकारी एजेंसियों को भेजे जाएंगें
इस मौके पर कई सुझाव सामने आए जैसे मोबाइल पर परेशान करने वाले लोगों का नम्बर बंद कर देना चाहिएय...गाड़ियों से पीछा करने वालों का लाइसेंस रद्ध हो जाना चाहिए । कुलमिलाकर अब एनजीओं और सरकारी संस्थाएं एकजुट होकर काम करने में लग गई हैं ।