
नई दिल्ली। बजट सेशन के दूसरे दिन बुधवार को राज्यसभा-लोकसभा में जमकर हंगमा हुआ। रोहित वेमूला की खुदकुशी के मामले पर बहस का जवाब देते हुए स्मृति ईरानी भावुक हो गईं। उन्होंने कहा, मैंने अपना कर्तव्य का निर्वाह किया और इसके लिए मैं माफी नहीं मांगूंगी। उन्होंने कहा कि मुझे अमेठी लडऩे की सजा दी जा रही है।
जेएनयू विवाद और हैदराबाद यूनिवर्सिटी में दलित स्टूडेंट की सुसाइड को लेकर विपक्ष ने खूब हंगामा किया। राज्यसभा 6 बार स्थगित हुई, वहीं लोकसभा में जेएनयू का मुद्दा उठा। स्मृति ईरानी ने कहा, मंत्री के रूप में 20 महीने के अपने कार्यकाल में मैंने बिना किसी भेदभाव के काम किया है। उन्होंने कहा, मुझ पर आरोप लगाया गया है कि मैं किस हैसियत से विश्वविद्यालयों को चिट्ठी लिखती हूं।
ईरानी ने कहा, एक छात्र की मौत हो गई और इसके ऊपर राजनीतिक लड़ाई लड़ी जा रही है। क्या देश यह जानता है कि कार्यकारी परिषद जिसने (रोहित पर) फैसला लिया था, उसके एक भी सदस्य की नियुक्ति एनडीए ने नहीं की थी। सभी नियुक्तियां यूपीए द्वारा की गई थी।
स्मृति ईरानी ने विपक्ष के सवालों का जमकर जवाब देते हुए कहा कि सत्ता तो इंदिरा गांधी ने भी खोई थी। लेकिन उनके बेटे ने कभी देश विरोधी नारों का समर्थन नहीं किया था। अगर कोई ये साबित कर दे कि मैंने यूनिवर्सिटीज का भगवाकरण किया है तो मैं राजनीति छोड़ दूंगी।