
नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री राम शंकर कठेरिया ने आगरा में अपने भाषण में कोई भड़काऊ बात नहीं कही। सिंह ने सभी राजनीतिक दलों का आह्वान किया
कि वे आरोप -प्रत्यारोप की राजनीति छोड़कर सबसे बड़े धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में भारत की पहचान को बनाए रखने का संकल्प लें।
एक केन्द्रीय मंत्री तथा निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा भड़काऊ भाषण दिए जाने के संदर्भ में विपक्ष के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए सिंह ने कहा कि कठेरिया गत 28 फरवरी को अरुण माहौर की शोक सभा में गए थे। उन्होंने तथा गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने उस आयोजन में कठेरिया के भाषण की सीडी ध्यान से सुनी है जिससे पता चला है कि उस भाषण में कोई भड़काऊ या ऐसी बात नहीं कही गई थी जिससे माहौल में उत्तेजना फैले।
उन्होंने कहा कि आगरा पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। कठेरिया भी वहां मंच पर बैठे थे और यदि उन्होंने कोई भड़काऊ बात कही होती तो पुलिस ने उनके खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की होती। सिंह के जवाब के बाद विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अफसोस की बात यह है कि पिछले दो सालों में इस तरह की कई घटनाएं हुई हैं, लेकिन एक भी मामले में सरकार या पार्टी की ओर से कार्रवाई नहीं की गई। इससे क्या संदेश जाता है। इससे यही पता चलता है कि सबकुछ मिलीभगत से हो रहा है।
सिंह ने सभी राजनीतिक दलों से कहा कि आरोप प्रत्यारोप की राजनीति देश के हित में नहीं है क्योंकि आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू होने के बाद थम नहीं सकता। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक सद्भावना को राजनीति की तराजू पर तोलने के बजाय इंसाफ तथा इंसानियत की तराजू पर तोला जाना चाहिए। भारत विविधताओं से भरा देश है और इसकी दुनिया भर में सबसे बड़े धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में पहचान है। सभी राजनीतिक दलों को देश की विविधता, एकता और अखंडता को बनाए रखने के प्रयास करने का संकल्प लेना होगा जिससे कि भारत की इस पहचान पर सवाल उठाने की कोई हिम्मत न कर सके।