
शिवराज सरकार के विरोध में महिला साधू की जिंदा समाधि...
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सिंहस्थ कुंभ में केवल 13 अखाड़े अधिकृत माने जाते हैं, जिन्हें प्रशासन की ओर से सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। सिंहस्थ कुंभ के आयोजन से पहले इनकी पेशवाई निकलती है और शाही स्नान हेतु भी इन अखाड़ों के लिए समय और घाट तय होते हैं।
उज्जैन में 22 अप्रैल से शुरू हुए सिंहस्थ में इस बार परी अखाड़ा ने विशेष सुविधाओं की मांग की थी, मगर सरकार ने उनकी मांगें मानने से इनकार कर दिया।
परी अखाड़े की प्रमुख भवंता ने मंगलवार को समाधि लेने से पहले मीडियो को बताया कि उन्होंने अपने अखाड़े में सुविधाओं के साथ शाही स्नान के लिए भी समय की मांग की थी, लेकिन सरकार ने इसे पूरा नहीं किया। अपनी मांगों को लेकर भवंता ने इससे पहले आमरण अनशन भी किया था, तब प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था, मगर वह पूरा नहीं किया गया।
इससे नाराज होकर ही सरकार का विरोध करते हुए परी अखाड़ा प्रमुख भवंता ने मंगलवार को 10 फीट गहरे गड्ढे में जिंदा समाधि लेने का फैसला लिया। अखाड़े में खोदे गए 10 फीट गहरे गड्ढे में भवंता के उतरने की खबर मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में अधिकारी मौके पर पहुंचे और करीब आधे घंटे की समझाइश और आश्वासन के बाद भवंता ने 24 घंटे के लिए समाधि लेने के फैसले को टाल दिया। परी अखाड़ा प्रमुख को आज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है ।