
भाजपा नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया। सिद्धू का भाजपा छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल होना तय माना जा रहा है। केंद्र सरकार ने पार्टी से असंतुष्ट चल रहे 52 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर को 22 अप्रैल को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था। सिद्धू वर्ष 2004 से 2014 के बीच अमृतसर से लोकसभा सांसद थे। वह 2014 में अमृतसर से टिकट काटे जाने से नाराज थे। सिद्धू और उनकी विधायक पत्नी दोनों राज्य में अकाली दल से गठबंधन के पक्ष में नहीं थे।
भाजपा को झटका
पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले सिद्धू का इस्तीफा भाजपा के लिए बड़ा झटका है। इस्तीफे का पता चलते ही संसद भवन में ही वित्त मंत्री अरुण जेटली, संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार व पंजाब के प्रभारी प्रभात झा के बीच मंत्रणा हुई। पार्टी ने कहा है कि वह सिद्धू को मनाने नहीं जाएगी।
सीएम उम्मीदवार होंगे?
कहा जा रहा है कि सिद्धू पत्नी के साथ जल्द अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में ‘आप’में शामिल होंगे। केजरीवाल पहले भी उन्हें पार्टी में शामिल होने का निमंत्रण दे चुके हैं। पार्टी उन्हें पंजाब में पार्टी का मुख्यमंत्री उम्मीदवार बना सकती है।
सिद्धू ने कहा, सही-गलत की लड़ाई में तटस्थ नहीं रह सकता था। मैं प्रधानमंत्री मोदी के कहने पर राज्यसभा सांसद बना था, लेकिन ये बोझ और ढोना नहीं चाहता था। पंजाब का हित सबसे ऊपर है।"
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, "आपने किसी राज्यसभा सांसद को अपने राज्य को बचाने के लिए इस्तीफा देते देखा है? मैं सिद्धू जी के साहस को सलाम करता हूं।"