
नई दिल्ली। पहले यशवंत सिन्हा फिर राम जेठमलानी और अब शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत के बयानों से साफ हो गया है एनडीए में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम को लेकर महायुद्ध होना तय है। सबसे पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की पैरवी की और सहयोगी पार्टी जेडीयू को ये कहते हुए झटका दे दिया कि कोई जाए तो जाए मोदी के आने से बीजेपी को लाभ मिलेगा। इसके दूसरे ही दिन राम जेठमलानी ने मोदी को 100 प्रतिशत धर्मनिरपेक्ष करार दे दिया। ये दो बयान आने के बाद पार्टी मुश्किल में घिरी ही थी कि शिव सेना के सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने पीएम उम्मीदवार के तौर पर सुषमा स्वराज का नाम पेश कर दिया। ध्यान रहे कि बाला साहेब ठाकरे ने अपने जीते जी सुषमा के नाम पर मुहर लगाई थी। दूसरी ओर मोदी के नाम पर जेडीयू पहले ही तेवर दिखा चुकी हैं। ऐसे में बीजेपी के लिए चुनाव जीतने से बड़ी उपलब्धि ये होगी कि वह शांति से अपना पीएम उम्मीदवार तय कर ले।
रामजेठमलानी की वकालत
बीजेपी नेता और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में उतरते हुए उन्हें धर्मनिरपेक्ष बताया है और कहा है कि नरेंद्र मोदी पीएम पद के लिए सबसे बेहतरीन उम्मीदवार हैं। हालांकि राम जेठमलानी ये कहना भी नहीं भूले कि वो फिलहाल मोदी के संपर्क में नहीं हैं। जेठमलानी ने कहा कि वो पार्टी से सस्पेंडेड हैं। वो नरेंद्र मोदी के संपर्क में नहीं हैं और न ही उन्होंने यशवंत सिन्हा से बात की है। वे ये अपनी तरफ से कह रहे हैं।
पहले भी की थी मोदी की पैरवी
जेठमलानी ने कहा कि उनके मुताबिक नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। उन्होंने कहा कि वो एक बात साफ कर देना चाहते हैं कि राजनीति में सांप्रदायिक और धर्मनिरपेक्षता, ये दो शब्द गाली बन गए हैं। राम जेठमलानी ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि वो धर्मनिरपेक्षता के बारे में नहीं जानता, लेकिन इस पर बात करता है। जहां तक मोदी की बात है तो वो 100 फीसदी धर्मनिरपेक्ष हैं। मैंने एक महीने पहले ही कहा था कि बीजेपी को अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार तय कर देना चाहिए।
यशवंत सिन्हा ने बोले थे मोदी को बनाओ पीएम उम्मीदवार
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के नेता यशवंत सिन्हा ने भी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को 2014 लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने पर बीजेपी को जबरदस्त फायदा होगा। यशवंत सिन्हा ने मोदी को सांप्रदायिक बताए जाने पर भी सख्त ऐतराज जताया। एनडीए में शामिल जेडीयू की मोदी के नाम पर आपत्ति को खारिज करते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि अगर मोदी के नाम पर जेडीयू को आपत्ति है तो वो साथ छोड़ सकते हैं। दरअसल बिहार में बीजेपी और जेडीयू की साझे वाली सरकार चल रही है।
जेडीयू बना रही मोदी को निशाना
जेडीयू बीजेपी का सबसे पुराना सहयोगी दल है। सिन्हा ने कहा कि बीजेपी के साथ इस गठबंधन की शुरुआत मैंने ही की थी। जेडीयू को एक व्यक्ति को निशाना बनाना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि या तो पूरी पार्टी सेक्युलर या सांप्रदायिक है। कोई एक व्यक्ति सेक्युलर या सांप्रदायिक नहीं है। एक जाएगा तो और आएंगे भी। सिन्हा ने कहा कि हम लोग जहां भी जाते हैं वहां पर कार्यकर्ता और लोग कहते हैं कि नरेंद्र मोदी को पीएम प्रोजेक्ट करना चाहिए और मेरी भी यही राय है। फैसला अब पाटी को करना है।
बीजेपी ने निजी राय बताकर पल्ला झाड़ा
बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने कहा है कि ये यशवंत सिन्हा की निजी राय है। जब वक्त आएगा इस पर रुख साफ किया जाएगा। पीएम पद का उम्मीदवार समय आने पर बीजेपी ही तय करेगी। उधर, जेडीयू नेता अली अनवर ने कहा है कि हमने ऐसा कुछ अभी सुना नहीं है, लेकिन उन्हें ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। ऐसी गैर जिम्मेदारी वाली बात हम नहीं बोल सकते हैं।