
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अपने मंत्रिपरिषद में 19 नए मंत्रियों को शामिल करने जा रहे हैं। मोदी सरकार का यह दूसरा फेरबदल होगा। 75 साल की उम्र पार कर चुकी मौजूदा कैबिनेट मंत्री नजमा हेपतुल्ला और कमजोर प्रदर्शन करने वाले कुछ राज्य मंत्रियों की छुट्टी होने के आसार हैं।
संभावित मंत्रियों में पांच एससी, दो एसटी, दो अल्पसंख्यक और दो महिलाएं शामिल हैं। फेरबदल व विस्तार में कुल 10 राज्यों को प्रतिनिधित्व मिलेगा। फेरबदल में सहयोगी दलों से रामदास अठावले और अनुप्रिया पटेल मंत्री बनेंगी, जबकि शिवसेना से किसी नए चेहरे को शामिल नहीं किया जाएगा।
यूपी का दबदबा : मंत्रिपरिषद के विस्तार व फेरबदल में उत्तर प्रदेश का दबदबा और बढ़ने जा रहा है, जबकि उत्तराखंड से पहली बार मोदी सरकार में कोई मंत्री शामिल होगा। इन दोनों राज्यों में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
सामाजिक समीकरण : पंजाब से किसी मंत्री को हटाए जाने की संभावना नहीं है, लेकिन पश्चिम बंगाल के सांसद एस.एस अहलूवालिया को शामिल कर सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा। नए मंत्रियों में सामाजिक समीकरणों को भी साधा जाएगा। दलित और पिछड़ा वर्ग के साथ यूपी में ब्राह्मण मतदाताओं की बड़ी संख्या को देखते हुए वहां से एक और ब्राह्मण मंत्री बनाया जा रहा है।
इन मुख्य नेताओं को मौका : विस्तार में प्रमुख रूप से भाजपा से पुरुषोत्तम रूपाला, एस एस अहलूवालिया, विजय गोयल, एम.जे अकबर, महेंद्र नाथ पांडे को शामिल किया जा सकता है।
लेकिन शिवसेना बिफरी : शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार पर शिवसेना में कोई बात नहीं की गई। दरअसल, शिवसेना से एक मंत्री को लिया जाना है, लेकिन कैबिनेट और राज्यमंत्री के पेच के चलते फैसला लटका हुआ है।